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March 26, 2023
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रंगमय हुआ गोरखपुर : CM योगी भी रहे परंपरागत ‘होली’ के सहभागी

By Shakti Prakash Shrivastva on March 19, 2022
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गोरखपुर, (शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव)। विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बहुमत के आँकड़ों के साथ सरकार वापसी करने के खुशी की वजह से इस बार प्रदेश में होली त्योहार का रंग और चटक हो गया। क्या गोरखपुर और क्या नोएडा पूरे प्रदेश में कई गुनी अधिक उल्लास से लबरेज प्रदेशवासियों ने होली का त्योहार मनाया। गोरखपुर में उत्साह हालांकि अन्य की अपेक्षा कहीं अधिक दिखा क्योंकि यहाँ की होली में दूसरी बार सूबे के मुख्यमंत्री बनने वाले योगी आदित्यनाथ स्वयम मौजूद रहे। चार दिन के प्रवास पर गोरखपुर आए योगी ने लगभग आठ दशकों से परंपरागत होली मनाने की परंपरा में पूर्व की भांति अपनी सहभागिता रखी। उन्होंने नाथ संप्रदाय के गोरक्षपीठ ‘गोरखनाथ मंदिर’ में गुरु गोरक्षनाथ के पूजा-अर्चना से अपनी उत्सवधर्मिता का आगाज करते हुए होलिका दहन, हिन्दू युवा वाहिनी का होली जुलूस, भगवान नरसिंह की रंगभरी शोभायात्रा, मंदिर परिसर में आयोजित होली उत्सव जैसे सभी उत्सवी कार्यक्रमों में न केवल बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया बल्कि मनाने की गौरवमयी परंपरा का भी बखूबी ध्यान रखा। होली के दिन यानि शनिवार को सुबह होली उत्सव का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के परंपरागत आयोजन भगवान नरसिंह की घंटाघर में पूजा अर्चना से हुआ। इस कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने भगवान नरसिंह के तस्वीर की आरती उतारी। मौके पर मौजूद नागरिकों के साथ फूलों-अबीर-गुलाल की होली भी खेली। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा कारणों से लगभग 6 किलोमीटर की रंगभरी इस यात्रा में भाग नहीं लिया। यात्रा का शुभारंभ करा कर वापस गोरखनाथ मंदिर चले गए। जबकि पिछले कोरोना काल के कुछ वर्षों (2020-2021) को छोड़ दें तो लगभग दो दशकों से योगी आदित्यनाथ पूरे जुलूस मार्ग मे मौजूद रहते थे। इस यात्रा के साथ ही नगर सहित आस-पास के इलाके में होली खेलने की शुरुआत हो जाती है। इस ऐतिहासिक भगवान नरसिंह की यात्रा की शुरुआत संघ के प्रचारक नाना जी देशमुख ने सन 1944 में की थी। उस समय नाना जी गोरखपुर में संघ की तरफ से प्रवास पर थे। इसके पहले इलाके में गोरखनाथ मंदिर में हुए होलीकादहन की राख से होली मनाने की परंपरा थी। नाना जी ने होली त्योहार में फूहड़ता को दूर करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। नाना जी के ही प्रयास से इस अभियान का संबंध गोरखनाथ मंदिर से हो गया। गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ के बाद उनके निर्देश पर शोभायात्रा में महंत अवैद्यनाथ पीठ का प्रतिनिधित्व करने लगे। सन 1996 से बतौर गोरक्ष पीठ के उत्तराधिकारी यह कमान योगी आदित्यनाथ ने संभाली जो आज गोरक्ष पीठाधीश्वर के साथ-साथ सूबे के मुख्यमंत्री होने पर भी बदस्तूर जारी है। योगी ने अपनी अगुवाई में इसे न केवल गोरखपुर बल्कि पूरे पूर्वाञ्चल में सामाजिक समरसता का महत्वपूर्ण त्योहार बना दिया। आज इलाके में पूरे वर्ष लोगों को इस दिन का इंतजार रहता है।

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