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‘सिक्ख’ बन सकती है देश की उपराष्ट्रपति !

By Shakti Prakash Shrivastva on June 27, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

देश में राष्ट्रपति के चुनाव के ठीक बाद उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। क्योंकि देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है। ऐसे में उपराष्ट्रपति को लेकर राजनीतिक दलों की सरगर्मिया भी बढ़ गयी है। बीजेपी की बात करे तो अपने कार्यशैली के लिहाज से वो राष्ट्रपति उम्मीदवार की ही तरह कयासबाजी से अलग कोई नया चेहरा मैदान में उतार सकती है। कोई सिक्ख अभी तक इस पद पर नही रहा है इसलिए यह हो सकता है कि पार्टी किसी सिक्ख महिला का नाम लाकर एक तीर से महिला और अल्पसंख्यक दोनों ही वर्ग को साध सकती है। देश की महिला राष्ट्रपति और महिला ही उपराष्ट्रपति का अभिनव प्रयोग संभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खासकर इस तरह के प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं। उन्होने पूर्व में कई ऐसे प्रयोग किए ही हैं। राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन प्रक्रिया 18 जुलाई को सम्पन्न होगी और अंतिम नतीजे 21 जुलाई को आ जाएँगे। फिर शुरू होगी उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया। संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों के सदस्य इसमें हिस्सा लेते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं जबकि उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं। यहाँ तक कि मनोनीत सांसद भी वोट कर सकते हैं जबकि राष्ट्रपति चुनाव में नही कर सकते हैं। इस तरह उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं। इसमें राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत लोकसभा सदस्य वोट करते हैं। इस तरह प्रतिभागियों की कुल संख्या 790 हो जाती है। उपराष्ट्रपति पद पर उम्मीदवारी के लिए व्यक्ति को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और कम से कम 20 संसद सदस्यों को समर्थक के रूप में नामित करना होता है। इसके अलावा 15 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी होती है। नामांकन के बाद निर्वाचन अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करता है और योग्य उम्मीदवारों के नाम बैलट में शामिल करता है। बीजेपी के सूत्रों पर यकीन करें तो इस बार उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार उत्तर, पश्चिम या पूर्वोत्तर भारत के किसी राज्य से होना चाहिए। इन राज्यों के अलग-अलग नामों पर मंथन भी शुरू हो गया है। देश के इतिहास में आज तक कोई महिला उपराष्ट्रपति नहीं रही हैं। संभव है कि इस बार इतिहास बनाया जाए। द्रौपदी मुर्मू के रूप में महिला और देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिलें। उसी तरह उपराष्ट्रपति की कुर्सी भी किसी महिला को ही दे दी जाए। यह भी संयोग है कि आज तक देश में कोई सिख उपराष्ट्रपति भी नहीं रहा है। ऐसे में बीजेपी किसी महिला सिक्ख चेहरे को उपराष्ट्रपति बना सकती है। इसका फायदा उसे पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में मिल सकता है और महिला और अल्पसंख्यक का कोटा भी दुरुस्त हो जाएगा।

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