Responsive Menu
Add more content here...
May 1, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • टॉप न्यूज
  • RTI के दायरे में UP के निजी विद्यालय भी : RTE की सूचना देना होगा बाध्यकारी

RTI के दायरे में UP के निजी विद्यालय भी : RTE की सूचना देना होगा बाध्यकारी

By Shakti Prakash Shrivastva on July 15, 2021
0 297 Views

लखनऊ, (मुख्य संवाददाता) राज्य से वित्त पोषित न माने जाने की वजह से प्रदेश के निजी विद्यालय अभी तक सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत सूचना देने के लिए बाध्य नहीं थे। अब राज्य सूचना आयोग ने राज्य के निजी विदयालयों को भी पर्याप्त रूप से वित्तपोषित मानते हुए उन्हे भी RTE की तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं को देने के लिए बाध्यकारी माना है। उन्हें भी सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) के दायरे में माना जाएगा। इस आशय की संस्तुति भी राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी द्वारा मुख्य सचिव उप्र शासन को की गयी है। संस्तुति में निजी विद्यालयों के प्रबंधकों को भी जन सूचना अधिकारी घोषित करने की व्यवस्था करने को कहा गया है।

राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने बुधवार को संजय शर्मा बनाम जन सूचना अधिकारी/मुख्य सचिव उप्र शासन की अपील के निस्तारण में ऐसी व्यवस्था दी है। उन्होंने मुख्य सचिव उप्र शासन को संस्तुति की है। अपीलार्थी संजय शर्मा ने लखनऊ के दो प्रतिष्ठित निजी विद्यालयों के विषय में आरटीआई (RTI) एक्ट के तहत राज्य सूचना आयोग लखनऊ में अपील की थी। यह उनकी दूसरी अपील थी। इसमें कहा गया था कि यदि निजी विद्यालयों की स्थापना के लिए रियायती दरों पर विकास प्राधिकरण भूमि उपलब्ध कराता है तो सर्वोच्च न्यायालय के डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसायटी एवं अन्य बनाम डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंसट्रक्शन व अदर्स में प्रतिपादित विधि अनुसार विद्यालय राज्य से पर्याप्त रूप से वित्त पोषित समझे जाएंगे। आयोग ने इस वाद में यह प्रतिपादित किया कि वर्ष 2009 में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के लागू होने के बाद ऐसे सभी स्कूल जो उपरोक्त अधिनियम से आच्छादित हैं। साथ ही वह अधिनियम एवं उप्र नि:शुल्क, अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली-2011 के प्रपत्र-1 एवं 2 में वर्णित सूचनाएं जिला शिक्षाधिकारी को सूचनाएं देते हैं। ऐसी स्थिति में जिला शिक्षाधिकारी सभी सूचनाओं को आरटीआई एक्ट की धारा-6(1) के तहत मांगे जाने पर याची को देने के लिए बाध्य है।

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *