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May 1, 2024
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कहा था मिट्टी में मिला दूंगा, मिलाकर दिखा दिया!

By Shakti Prakash Shrivastva on April 13, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

प्रयागराज में जब 24 फरवरी को शूट आउट की घटना हुई तो उन दिनों विधानसभा का बजट सत्र चल रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में बतौर नेता सदन एक बात कही थी कि माफिया मिट्टी में मिला दिये जाएँगे। यह कहने मे उनका स्पष्ट आशय था कि इस जघन्य दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम देने वाले एक भी माफिया बच नही पाएंगे। उस समय अलग-अलग विचारो और राजनीतिक गुणा गणित करने वालों ने इस पर अपने-अपने ढंग से प्रतिक्रियाए दी थी। किसी ने कहा कि यह राजनीतिक दांव है, किसी ने तर्क दिया कि अतीक इनके लिए फायदेमंद साबित होता रहा है भला उसको क्यों छेड़ेंगे आदि-आदि। लेकिन आज जब माफिया अतीक के तीसरे नंबरवाले उस बेटे की मिट्टी में मिलने की खबर आई जिसको अतीक अपने जरायमी साम्राज्य का उत्तराधिकारी मान रहा था। इतना ही नहीं उसके यानि असद के साथ ही झाँसी में ही अतीक गिरोह का सबसे विश्वसनीय शूटर गुलाम भी मारा गया। इस तरह प्रयागराज शूट आउट के दो अति महत्वपूर्ण शूटर मिट्टी में मिला दिये गए। हालांकि इनके अलावा विजय चौधरी और अरबाज़ जैसे शूटर भी पुलिसिया मुठभेड़ में मारे गए थे। इस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकतन्त्र के पावन मंदिर में जिस पवित्र कर्तव्यबोध के साथ माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का वचन दिया था। ऐसी स्थितियाँ बनी कि वो सही अब साबित हो रही है। विरोधियो की वो जुबान जो पहले राजनीतिक चाशनी में लबरेज थी वो सूख गई है। हालांकि अब भी सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के मुठभेड़ पर प्रश्न खड़ा करते ट्वीट जरूर आ गए हैं। अब यहाँ एक बार गौर करने वाली है कि अतीक पिछले 44 सालों से बेखौफ हत्या, अपहरण, मारपीट आदि अपराधों को अंजाम देता रहा। पार्षद चाँद बाबा को गोलियो से उड़ाया। दिन दहाड़े शादी के चंद रोज बाद विधायक राजूपाल को सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर गोलियों से चलनी कर दिया। बमों के गुबार से इलाका धुंवा-धुंवा हो गया था। ऐसे न जाने कितने वारदातों की लंबी सूची है। लेकिन उसका कुछ नहीं बिगड़ा भले कइयों के माथे का सिंदूर उजड़ गया। पहले भी वही पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी थे वही असलहे थे, तब भी कोई न कोई मुख्यमंत्री था लेकिन अतीक के खिलाफ कुछ नहीं हुआ। और आज अतीक एक तरह से वाकई मिट्टी में मिल रहा है। आखिर जब सब कुछ पहले जैसा ही आज भी है तो मिट्टी में मिलाने का सिलसिला अब ही क्यों शुरू हुआ। तो जवाब आपको मिलेगा कि अब सिर्फ अलग कुछ है तो वो अलग किस्म के तेवर वाला संत मुख्यमंत्री है। एक संत ने वो कर दिखाया जिसे कई मुख्यमंत्रियों-अधिकारियों ने नहीं किया। इस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो कहा वो कर दिखाया भी।

 

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