Responsive Menu
Add more content here...
May 1, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • टॉप न्यूज
  • ये कैसा आरक्षण.. कई जिलों में कई वर्गों में आरक्षण की एक भी सीट नहीं..

ये कैसा आरक्षण.. कई जिलों में कई वर्गों में आरक्षण की एक भी सीट नहीं..

By Shakti Prakash Shrivastva on April 7, 2023
0 150 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

उत्तर प्रदेश में कई ऐसे जिले है जहां कुछ वर्ग विशेष के लिए एक भी सीट आरक्षित नही की गई है। ऐसा आरोप है समाजवादी पार्टी का। प्रदेश की प्रमुख विपक्षी दल सपा ने गुरुवार को न केवल ऐसा आरोप लगाते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस बाबत तथ्यात्मक रिपोर्ट दी है बल्कि उनसे मांग भी की है कि निकाय चुनाव में आरक्षण निर्धारण में हुई बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जांच कराते हुए उसे दुरुस्त कराया जाए। समाजवादी पार्टी का मानना है कि उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण निर्धारण प्रक्रिया का जो पैमाना बनाया गया है उसकी प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ियाँ की गई हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के निर्देश पर गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता केके श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने निदेशक स्थानीय निकाय से मुलाकात कर इस बाबत एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पार्टी की तरफ से यह सूचित किया गया है कि नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कुल 544 पद में जिला बलरामपुर, कानपुर नगर, ललितपुर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। आखिर ऐसा कैसे हो गया।

इतना ही नहीं इसी तरह अमेठी, अमरोहा, बलरामपुर, बिजनौर, चंदौली, गाजियाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, रामपुर, श्रावस्ती, वाराणसी जैसे जिलों में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। जिला बलरामपुर, चित्रकूट, इटावा, हापुड, कानपुर नगर, ललितपुर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं दी गई है। 544 के सापेक्ष अनुसूचित जाति के लिए 84 सीटें आरक्षित है, जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं का आरक्षण नियमावली के विपरीत अधिक 61 पद आरक्षित कर 75 फीसदी भागीदारी दी गई है जबकि अनुसूचित जाति पुरूष के लिए 23 पद आरक्षित कर मात्र 27 फीसदी ही दिया गया है।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के कुल 199 पद में अनुसूचित जनजाति को एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई। नगर निगम के महापौर पद के लिए कुल 17 पदों के सापेक्ष अनुसूचित जाति के लिए 21 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 3.57 सीटें आरक्षित होनी चाहिए, जबकि घोषित आरक्षण में केवल दो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 4.59 सीटें मिलनी चाहिए, लेकिन सिर्फ चार सीटे ही दी गईं। पार्टी ने ऐसे आँकड़ेवार तथ्य देकर इसकी फिर से जांच कराकर दुरुस्त किए जाने की मांग की है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *