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March 26, 2023
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क्यों उठ गया यूपी पुलिस से अखिलेश का भरोसा

By Shakti Prakash Shrivastva on January 10, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बयान भी ऐसा जो एहसास कराता है कि अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश की पुलिस पर भरोसा नहीं है। दरअसल एक मामले में समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडिल संचालन से जुड़े कार्यकर्ता मनीष जगन अग्रवाल को रविवार की सुबह लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस पर बड़ी संख्या में आक्रोशित सपा कार्यकर्ता पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने पहुँच गए। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी वहाँ पहुंचे और लगभग डेढ़ घंटे वही रहे। मुख्यालय पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश से चाय आफ़र किया। इस पर अखिलेश ने आफ़र ठुकराते हुए यह कहा कि हमें आप पर भरोसा नही है कहीं आप चाय में जहर मिला दो तो। उसके बाद उनका यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। ऐसे में सवाल ये उठता है कि बतौर मुख्यमंत्री सूबे की पुलिस से बकायदे वाकिफ रहे अखिलेश ने आखिर ऐसा बयान क्यों दिया। राजनीतिक पंडितों की मानें तो दरअसल राजनीति में कभी-कभी अपने एजेंडे के क्रियान्वयन के लिए न चाहते हुए भी नेताओं को कुछ बयान या गतिविधियां करनी पड़ती हैं। फिर भी इसे समझने के लिए सूबे की राजनीति खासकर अखिलेश की मौजूदा राजनीति को समझना होगा। खतौली और मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में मिली जीत और अरसे से पार्टी के भविष्य में रोड़ा अटकाने वाले चाचा शिवपाल की वास्तविक घर वापसी से उत्साहित अखिलेश ने हाल के दिनों में अपनी राजनीतिक तौर-तरीकों में खासा बदलाव किया है। जिन कार्यशैली या कार्य व्यवहार के लिए अखिलेश पर पार्टी के भीतर और बाहर से उँगलियाँ उठती थी एक-एक कर अखिलेश ने उन सभी को दुरुस्त करना शुरू कर दिया। उसी क्रम में अब अखिलेश यह एहसास दिलाना चाहते हैं कि वो क्षेत्र और कार्यकर्ताओं के लिए हर क्षण उपलब्ध हैं। साथ ही बयानों में अक्सर इस बात का ध्यान रखते है कि कौन से बयान से कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने में कितना प्रभाव पड़ेगा। इस नापतौल के बाद ही बयान देते हैं। उनके पुलिस पर भरोसा वाले बयान पर भी कोई कुछ भी अर्थ निकाले लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि इसमें भी अखिलेश का एजेंडा सध गया। अखिलेश पुलिस मुख्यालय के बाद जेल में बंद कार्यकर्ता मनीष से मिलने सीधा लखनऊ जिला जेल गए। बाद में सोमवार को सपा कार्यकर्ता मनीष की जेल से रिहाई भी हो गई। ऐसे में कुल मिलाकर अखिलेश अपने इस बयान से जो राजनीतिक संदेश देना चाहते थे उसे वो कार्यकर्ताओं तक पहुचाने में बखूबी कामयाब रहे।

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