Responsive Menu
Add more content here...
May 1, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • टॉप न्यूज
  • मिशन यूपी में शाह : पार्टी का डिगता आत्मविश्वास या अगाध विश्वास

मिशन यूपी में शाह : पार्टी का डिगता आत्मविश्वास या अगाध विश्वास

By Shakti Prakash Shrivastva on October 28, 2021
0 210 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को यूपी की राजनीति में पहली ज़िम्मेदारी 2014 के लोकसभा चुनाव में बतौर पार्टी प्रभारी की मिली थी। उस समय क्षेत्र की राजनीति से अनभिज्ञ शाह पर किसी को इस बात का भरोसा नहीं था कि इनकी देखरेख में चुनावी नतीजे इतने चमत्कारिक होंगे। लेकिन हुए और सिर्फ 2014 ही नहीं बाद के 2017 विधानसभा और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अप्रत्याशित रहे। गुजराती होने के साथ-साथ मोदी का नजदीकी और फिर पार्टी हितकारी चुनावी परिणाम दिलाने के नाते पार्टी में शाह का कद कद्दावर नेता राजनाथ सिंह को सुपरसीड करते हुए दो नंबर का हो गया। एक बार फिर जब देश के सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले सूबे उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने है पार्टी ने फिर से एकबार शाह पर भरोसा जताते हुए उन्हे आगे किया है। श्री शाह 29-30 अक्टूबर को लखनऊ पहुँच रहे है जहां वे पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार करेंगे। शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश भाजपा प्रभारी राधा मोहन सिंह के साथ चुनावी रणनीति पर मंथन करेंगे। माना जा रहा है कि शाह के इस दौरे के बाद रणनीति के तहत पार्टी जिला स्तर तक चुनाव प्रचार अभियान को गति देने का प्रयास करेगी। शाह को पुनः इस तरह संकट मोचक की भूमिका में लाने पर पार्टी के अंदर और बाहर इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि पार्टी में शाह के अलावा क्या इस कद का कोई नेता नहीं है जिसके कंधे पर पार्टी चुनाव का बोझ डाल निश्चिंत हो सके। ऐसा तो नहीं कि प्रदेश में सुशासन का दंभ भरने वाली पार्टी का आत्म विश्वास डिगने लगा है या पार्टी को शाह को कार्यशैली पर अगाध भरोसा है कि इनके जरिये ही चुनावी वैतरणी पार करना किसी अन्य के मुकाबिले ज्यादा आसान होगा।

पार्टी का शाह पर भरोसा करने पर भले ही तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हो लेकिन जमीनी सच्चाई ये है कि उत्तर प्रदेश के पिछले तीन चुनावों में चुनावी कमान अमित शाह के हाथ ही रही है। लगातार तीन चुनाव में शाह ने ना केवल पूरे यूपी की क्षेत्रीय, जातीय और दलगत राजनीति को गहराई से जाना है बल्कि उसके अनुसार चुनावी रणनीति तैयार कर पार्टी को बेहतर परिणाम भी दिया है। शाह पर इतना भरोसा किए जाने के पीछे एक बड़ी वजह भी यही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में दो महीने पहले हुई बैठक में स्पष्ट हो गया था कि चुनाव में पार्टी का चेहरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहेंगे और चुनावी रणनीति की कमान अमित शाह के हाथ में होगी। लंबे अर्से बाद 29 अक्तूबर को राजनीतिक प्रवास पर लखनऊ आ रहे शाह डिफेंस एक्सपो मैदान में पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत करेंगे। इसके अलावा चुनाव प्रबंधन की सबसे मजबूत कड़ी बूथ अध्यक्ष, सेक्टर प्रभारी, सेक्टर संयोजक और शक्ति केंद्र प्रभारियों के सम्मेलन को संबोधित कर उन्हें बूथ प्रबंधन का मंत्र देंगे। सूत्रों के मुताबिक इसमें बसपा व कांग्रेस के बड़े नेताओं के सपा में शामिल होने, सुभासपा के सपा के साथ गठबंधन से होने वाले असर को कम करने के लिए मजबूत विकल्प भी तलाशा जाएगा। साथ ही आगामी चुनाव के मद्देनजर पिछड़े व दलित वोट बैंक को साधने के साथ आरएसएस व वैचारिक संगठनों की चुनाव में भूमिका भी तय होगी। इसके अलावा विधानसभा चुनाव में भाजपा के पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों की भूमिका तय करने के साथ लोकसभा चुनाव-2019 के लोकसभा संयोजकों और प्रभारियों को भी एजेंडा सौंपेंगे। शाह पार्टी की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों और सम्मेलनों के फीडबैक की समीक्षा भी करेंगे।

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *