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राममय हुई राम नगरी

By Shakti Prakash Shrivastva on November 12, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                                उत्तर प्रदेश में गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ के 2017 में पहली बार मुख्यमन्त्री बनने के बाद जैसे ही राम नगरी अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि मंदिर विवाद का पटाक्षेप हुआ तब से लेकर आज तक अयोध्या का राममयी विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बना रहा। आज राज्य और केंद्र की दोनों ही सरकारे अयोध्या के न भूतों न भविष्यति वाले विकास की पक्षधर हैं। अयोध्या में चल रही लगभग 30 हजार करोड़ से अधिक की सरकारी विकास परियोजनाएं इसका प्रमाण है। दिवाली के पावन मौके पर राज्य सरकार ने जिस तरह से अयोध्या में न केवल 22 लाख से अधिक दीयों वाले भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन कर विश्व रिकार्ड बनाया बल्कि समूची राम नगरी को फूलों, झालरों और दियो से ऐसा सजाया जिसे देखने वालों को बरबस लगा जैसे त्रेता युग के रामागमन के समय वाले वर्णनों का दृश्य आँखों के सामने उपस्थित हो गया हो। लग रहा है कि वाकई राम नगरी राममय हो गई है।

निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर सहित पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है। ऐसी अभूतपूर्व सजावट से आयोध्यावासी समेत आगंतुक श्रद्धालु भी अभिभूत हैं। वे बिना पलक झपकाए सजावट को निहार रहे हैं। राम मंदिर की भी नयनाभिराम साज-सज्जा की गई है। राम मंदिर में सफेद संगमरमर से बनाए जा रहे गर्भगृह के आसपास के क्षेत्र को भगवा रंग से सजाया गया है। दिवाली के पूर्व संध्या यानि छोटी दिवाली को सरयू किनारे राम की पैड़ी समेत 51 घाटों पर 22 लाख 23 हजार से अधिक दीये जलाकर विश्वकीर्तिमान बनाते हुए भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके लिए कुल 25 हजार वालन्टियरों को लगाया गया था। 2017 में 1.76 लाख दिए से शुरू हो पिछली बार लगभग 17 लाख दिए यहाँ रोशन हुए थे। दिए की रोशनी में जगमगा रही अयोध्या त्रेता युग वाली अयोध्या का एहसास करा रही थी।  आयोजन की महता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस मौके पर साधु-संतों सहित प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन  पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक,कैबिनेट के कई मंत्री, विधायक और उच्चाधिकारी व 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

साकेत महाविद्यालय से भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र से जुड़ी घटनाओं को उकेरती भव्य झांकियां निकाली गई जो रामकथा पार्क में जाकर समाप्त हुई। यहाँ महामहिम राज्यपाल और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों कि मौजूदगी में उड़नखटोले यानि हेलीकाप्टर से उतरे भगवान श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण रूप धरे कलाकारों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरती उतारी। मुख्यमंत्री योगी ने इस मौके पर श्रीराम रथ के डोले को भी खींचा और श्रीराम का राजतिलक किया व सरयू किनारे पहुँच माँ सरयू की आरती भी उतारी। इसके अलावा सजी धजी अयोध्या को और निखारने के लिए जो प्रयास किए गए उनमें चौरासी कोस के 44 मंदिरों में 7 लाख दिए जलाना, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में डेढ़ लाख दिए जलना, राम की पैड़ी पर 200 फिट लंबे स्क्रीन पर लाइट एंड साउंड शो और लेजर शो प्रदर्शन, अयोध्या में रामकथा आधारित 15 भव्य प्रवेश द्वार और  25 विशिष्ट लाइटिंग वाले प्रवेश द्वार निर्माण, देश के 25 राज्यों से आए 2500 कलाकारों से रामलीला का आयोजन समेत सरयू नदी के पुराने पल से आधे घंटे तक लगातार ग्रीन आतिशबाजी का विशेष प्रदर्शन जैसे कार्यक्रमों ने वाकई राम नगरी अयोध्या को राममय करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। ऐसे में कह सकते हैं कि राममय हो गई है अयोध्या।

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