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गीडा : प्रदेश में औद्योगिक विकास का रोल माडल साबित होगा

By Shakti Prakash Shrivastva on November 15, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव की आवाज में रिपोर्ट सुनने के लिए आडियो बटन पर क्लिक करें।

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

      गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट अथारिटी (गीडा) यानि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिस तरह से अपने स्थापना के उद्देश्यों के तहत लगातार अपने क्रिया-कलापों को अंजाम दे रहा है। उससे लगता है कि वो दिन दूर नहीं जब गीडा सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए औद्योगिक विकास का रोल माडल साबित होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा को भाँपते हुए गीडा ने समय रहते औद्योगिक निवेश के बाबत अपने लैंड बैंक में खासा इजाफा कर लिया है। आज गीडा के पास 450 एकड़ का समृद्ध लैंड बैंक है।
उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन की आर्थिक क्षमता वाला राज्य बनाने संबंधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद शासन सहित निजी स्तर तक पर इसकी तैयारियां की जा रही हैं। इस क्रम में देशी-विदेशी निवेशकों को आकृष्ट करने के लिए एक भव्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट का भी अगले साल 2023 की शुरुआत में आयोजन किया जा रहा है। इन तैयारियों के बीच गीडा भी अपने को तैयार कर रहा है। इसके लिए लगातार अपने लैंड बैंक में इजाफा कर रहा है। मौजूदा समय में गीडा के पास लगभग 450 एकड़ का समृद्ध लैंड बैंक है। आवश्यकता पड़ने पर निवेशकों को तुरंत जमीन उपलब्ध कराया जा सकता है। योगी सरकार बनने से लेकर आजतक लगभग पाँच वर्षों में गीडा ने लगभग 600 एकड़ भूभाग का अधिग्रहण किया है। इसमें से 162 एकड़ जमीन औद्योगिक इकाइयों को आवंटित भी किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जितना फोकस प्रदेश में निवेश बढ़ाने को लेकर है उतना ही लैंड बैंक बढ़ाने पर भी है। मुख्यमंत्री की मंशा को देखते हुए गीडा की प्राथमिकता भी लैंड बैंक बढ़ाने की हो गयी है। इस क्रम में ज़मीनों के अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए एक एसडीएम को गीडा से सम्बद्ध किया गया है। साथ में राजस्वकर्मियों को भी लगाया गया है। गीडा ने अपने स्थापना से आज तक कुल लगभग 1900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। बीते पाँच वर्षों में गीडा की तरफ से 392 औद्योगिक इकाइयों के लिए कुल 162 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया है। इनमें से कुछ स्थापित हो चुकी हैं तो कुछ स्थापना की प्रक्रिया में हैं। इन इकाइयों में कुल लगभग तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की संभावना है। हाल ही में हजारो करोड़ रुपये के निवेश वाली पेप्सिको की बाटलिंग इकाई और केयर्न्स डिस्टिलरी को जमीन आवंटित की गयी है। इनमें बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावना है। प्रदेश में पहली बार योगी सरकार बनने के बाद गीडा ने साल दर साल बढ़ते क्रम में जमीन का अधिग्रहण किया है। मसलन 2018-19 में जहां 10.59 एकड़ हुआ वहीं 2019-20 में 47.10 एकड़, 2020-21 में यह बढ़कर 195.05 एकड़ हो गया। 2021-22 में यह आंकड़ा 223 एकड़ का हो गया। इस सत्र यानि 2022-23 में अभी तक 125 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है।
गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन अग्रवाल के मुताबिक आज प्राधिकरण के पास पर्याप्त लैंड बैंक है। अभी भी लगातार जमीनें अधिग्रहित की जा रही है। पिछले पांच साल में 392 औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए 162 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। प्राधिकरण की पूरी तैयारी है कि निवेशकों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो। औद्योगिक निवेश के मद्देनजर गीडा की यह पुख्ता तैयारी न केवल पूर्वाञ्चल सहित प्रदेश के अद्योगिक विकास का अलग खाका खींचेगी बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का प्रतिमान भी कायम करेगी।

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