Responsive Menu
Add more content here...
May 1, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

  • Home
  • टॉप न्यूज
  • डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों पर सरकार की नकेल : मनी सर्कुलेशन स्कीम पर लगी रोक, नहीं बेच सकेंगे नेटवर्किंग के जरिये प्रोडक्ट

डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों पर सरकार की नकेल : मनी सर्कुलेशन स्कीम पर लगी रोक, नहीं बेच सकेंगे नेटवर्किंग के जरिये प्रोडक्ट

By Shakti Prakash Shrivastva on December 28, 2021
0 187 Views

         नयी दिल्ली, (संवाददाता)। एमवे जैसी वे कंपनियाँ जो ग्राहकों को सीधे प्रोडक्ट बेचती थीं उनके लिए बुरी खबर है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को ऐसी डायरेक्ट सेलिंग करने वाली कंपनियों की पिरामिड और मनी सर्कुलेशन स्कीम (एम सी स्कीम) पर रोक लगा दिया है। सीधे ग्राहकों को सामान बेचना डायरेक्ट सेलिंग कहलाता है जबकि पिरामिड स्कीम का मतलब होता है नेटवर्क मार्केटिंग।

केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को ‘द कंज्यूमर प्रोटेक्शन (डायरेक्ट सेलिंग) रूल्स 2021’ नोटिफाई किया गया हैं। इस नए नोटिफिकेशन के तहत कंपनियों को नए नियमों का 90 दिनों के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। सामान्यतया पिरामिड स्कीम और डायरेक्ट सेलिंग एक जैसे ही लगता है लेकिन इनमें फर्क है। फर्क को बखूबी प्रोडक्ट की वजह से समझा सकता है। जैसे डायरेक्ट सेलिंग में पैसे प्रोडक्ट खरीदने के देने होते है जबकि पिरामिड स्कीम में जॉइनिंग फीस के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। ई-कामर्स सेलर्स को भी इस नियम के तहत रखा गया है। बाकायदे नोटिफाई किए गए नियमों में कहा गया है कि राज्य सरकारों को सीधी बिक्री से जुड़ी कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए व्यवस्था बनानी होगी। नियमों के दायरे में डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाले सेलर भी आएंगे। पिरामिड स्कीम एक तरह का मल्टी लेयर्ड नेटवर्क होता है। इस स्कीम में एक व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को जोड़ता है। नए व्यक्ति को जोड़ने पर उसे डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से कोई न कोई बेनिफिट मिलता है। इस स्कीम में मनी-सर्कुलेशन यानी पैसे को घुमाया जाता है, जिसमें नए जुड़े लोगो का पैसा पुराने लोगो को मिलता है। पिरामिड के नीचे वाले लोगों को अक्सर इसमें लॉस उठाना पड़ता है। पिरामिड स्कीम पर भारत समेत अधिकतर देशों में पाबंदी है। लेकिन, ये कंपनियां सीधे पैसों का सर्कुलेशन न कर अपने प्रोडक्ट के जरिए मनी सर्कुलेशन करती है। इस वजह से सरकार ने इस पर बैन लगाने का फैसला किया है। अब प्रत्यक्ष बिक्री वाले विक्रेता ‘धन प्रसार एवं पिरामिड’ योजनाएं नहीं चला सकेंगे। अभी तक ये कंपनियां बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजनाएं चलाती आ रही हैं। डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की प्रमुख कंपनियों में टपरवेयर, एमवे और ओरिफ्लेम की गिनती होती है।

 

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *