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देश की राजनीति में सांस्कृतिक प्रतिबद्धता का अनूठा उदाहरण है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार

By Shakti Prakash Shrivastva on November 8, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव की आवाज में रिपोर्ट सुनने के लिए आडियो बटन पर क्लिक करें।

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

कहते हैं कि किसी भी समाज या देश की प्रगति में उसके सांस्कृतिक अनुशासन का बड़ा योगदान होता है। भारत को विश्व गुरु बनाने की मोदी सरकार के संकल्प की वजह से ही संभवतः देश के सभी भाजपा शासित राज्य आज अपने सांस्कृतिक धरोहरों व संस्कारों की थाती को पूरे ज़ोर-शोर से न केवल देश-दुनिया में प्रचारित कर रहे हैं बल्कि उसे आज की पीढ़ी अपनाए इसके लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं।

मोदी सरकार ने जब गुजरात में हजारों करोड़ रुपया खर्च कर 182 मीटर ऊंची स्टेचू आफ यूनिटी के रूप में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की। तो सभी राजनीतिक विपक्षियों में हाहाकार मच गया। तर्क दिया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर देश में इतना पैसा प्रतिमा मद में क्यों लुटाया जा रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बगैर इसकी परवाह किए अपने मूल्य आधारित संकल्पों के साथ मजबूती से खड़े रहे। क्योंकि उनका मानना है कि कोई देश बगैर अपनी विरासत और संस्कृति को सहेजे विकास तो कर सकता है लेकिन वास्तविक विकास नहीं कर सकता। इसीलिए उन्होने देश की 562 क्षेत्रीय रियासतों को एकजुट कर आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बल्लभ भाई पटेल की ही प्रतिमा स्थापित करने की ठानी। जिससे आने वाली पीढ़ी को इतिहास मालूम हो सके। यह प्रतिमा अमेरिका की 93 मीटर ऊंची स्टेचू आफ लिबर्टी से भी लगभग दोगुनी ऊंची है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सोच को सर्वाधिक नजदीक से आत्मसात किया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने। उन्होने 2017 में अपने पहले कार्यकाल में ही जहां भ्रष्टाचार और माफियाओं पर नकेल संबंधी दृढ़ता दिखा कर अपने संकल्प का इजहार किया वहीं हिन्दू सनातनी संस्कृति के सबसे बड़े आयोजन अर्धकुंभ 2019 को सफल बनाने के बाबत भी अपनी प्रतिबद्धता बता दी। प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन कर आयोजन को ऐतिहासिक और स्मरणीय बनाने के लिए पूर्व की तुलना में तीन गुना बजट 4236 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। इसमें राज्य सरकार ने 2000 करोड़ और केंद्र सरकार ने 2200 करोड़ की हिस्सेदारी दी। यह बजट अभी तक का सर्वाधिक है। कुम्भ मेला भी दूने क्षेत्रफल यानि 3200 हेक्टेयर में लगा। इसी भाव क्रम में मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र और दुनिया की सबसे प्राचीनतम जीवित शहरों में शुमार काशी में भव्य काशी कारीडोर की शुरुआत की। इसमें लगभग 900 करोड़ की लागत से बाबा विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी की तरफ जाने वाले सँकरे मार्ग को चौड़ा किया गया। इसमें सैकड़ों मंदिरों को पुनरुद्धार भी किया गया। 1669 में औरंगजेब द्वारा विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त किये जाने के बाद महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1777 में उसका जीर्णोद्धार कराया था। बाद में राजा रंजीत सिंह ने 1835 में 1000 किलो सोना मंदिर में चढ़ाया और राजा त्रिविक्रम सिंह ने मंदिर के गर्भगृह में चांदी का दरवाजा बनवाया। ऐसी प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर को 2019 में पुनः भव्यता प्रदान करने का संकल्प मोदी और योगी ने ली जिसे पूरा भी कर दिखाया। आज कारीडोर की भव्यता देख हर दर्शनार्थी मुग्ध हो जाता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ तो एकबार फिर योगी ने अपने राजनीतिक और धार्मिक संकल्प के तहत अयोध्या को दुनिया की सर्वप्रतिष्ठित शहर बनाने की ठानी। अयोध्या में 20000 करोड़ की परियोजनाओं के साथ एक ऐसा शहर बनाने की कवायद शुरू हुई। जो धर्म के लिहाज से दिव्य भी हो और आधुनिकता के हिसाब से भव्य भी। लगातार निर्माण कार्य की मानीटरिंग करते हुए मुख्यमंत्री उसे 2024 तक शुरू करना चाहते हैं। इसकी भव्यता के क्रम में साल दर साल वहाँ सरयू तट पर दिवाली में भव्य दीपोत्सव मनाया जा रहा है। इस बार 17 लाख दीये जलाने का वर्ल्ड रिकार्ड बना। प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में कृष्ण नगरी मथुरा-वृन्दावन की सांस्कृतिक जागरण के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया। इलाकाई विकास के मद में 16000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। होली में यहाँ भव्य रंगोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये से चित्रकूट क्षेत्र का भी विकास हो रहा है। अभी बीते सोमवार को ही जिस तरह काशी में देव दीपावली का भव्यतम स्वरूप दिखा। उसे देखने वाले हर आम और खास ने न भूतो न भविष्यति कहा। एक तरफ राज्य की योगी सरकार जहां कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, रोजगार, औद्योगीकरण, शिक्षा-स्वस्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि पर हो रहे कामों में लगातार नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। साथ ही अपनी परंपरागत सांस्कृतिक जागरण के प्रति भी पूर्णतः प्रतिबद्ध  है। ऐसे में कहा जा सकता है कि प्रदेश सरकार आने वाले दिनों में अपने लक्ष्य के मुताबिक एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने में भी सफल होगी वो भी अपने स्थापित मूल्यों के साथ।

 

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