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NER की छलांग : नए वर्ष में सबकुछ आनलाइन, समय और पेपर की होगी बचत

By Shakti Prakash Shrivastva on November 19, 2022
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव की आवाज में रिपोर्ट सुनने के लिए आडियो बटन पर क्लिक करें।

पूर्वाञ्चलनामा न्यूज, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे में आजकल अधिकतर कामकाज आनलाइन हो रहा है। जो कुछ काम अभी मैन्यूवल हो भी रहा है वो भी नए साल यानि 2023 से पूरी तरह आनलाइन होने लगेगा। पूर्वोत्तर रेलवे अपने दैनिक कामकाज में ई-आफिस पोर्टल का बखूबी उपयोग कर रहा है। जैसे अधिकतर कार्यालयीय फाइलें, उससे जुड़े दिशा-निर्देश और पत्राचार संबंधित पत्रावलियाँ ई-आफिस पोर्टल पर ही आ-जा रहे है। जिन विभागों में अधिकतर काम आनलाइन पोर्टल आदि पर संचालित हो रहे हैं उनमें लेखा, कार्मिक, वाणिज्य, यांत्रिक, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग और प्रशासनिक आदि विभाग प्रमुख हैं। संबंधित अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी डिजिटली काम करने में अभ्यस्त हो चुके हैं। आनलाइन कामकाज कितना हो रहा है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिस आफिस में लगभग 70 से 80 फाइलें एक महीने में पहुंचती थीं। अब वहाँ उनकी संख्या घटकर 20 से 25 के लगभग हो गई हैं। अधिकांशतः फाइलें आनलाइन ही निस्तारित होने लगी हैं। रेलवे बोर्ड नयी दिल्ली के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने अपनी पूरी कार्य प्रणाली को पेपरलेस करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रयास ये किया जा रहा है कि नए साल में 100 प्रतिशत कार्य डिजिटल प्लेटफार्म पर होने लगें। वैसे भी रेलकर्मियों को मिलने वाले सुविधा पास, उपचार और दवाइयों की उपलब्धता, निविदा और नीलामी आदि जैसे विभागीय फ़ाइलें अभी भी आनलाइन ही निस्तारित की जा रही हैं। यहाँ तक कि रेल कर्मचारियों की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) भी आनलाइन भरी जा रही है। बड़े पैमाने पर साल में दो बार छपने वाले रेलवे समय-सरिणी, कैलेंडर, और कार्ड आदि पहले से ही डिजिटल प्लेटफार्म पर आ गए हैं।

रेल प्रशासन जिन कार्यों को अपने प्राथमिकता में रख कर कार्य कर रहा है उनमें निरीक्षण, ट्रेनों का संचालन, छुट्टी, स्थानांतरण, पेंशन से संबंधित कार्य और टिकट आदि हैं। जल्द ही वो भी पूरी तरह पेपरलेस हो जाएंगे। अभी भी लगभग 80-85 प्रतिशत आरक्षित टिकट व 100 प्रतिशत रिटायरिंग रूम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट से ही बुक हो रहे हैं। यहाँ तक कि जनरल टिकट भी मोबाइल यूटीएस एप से आनलाइन बुक होने लगे हैं। इन कार्यों के लिए अलग-अलग पोर्टल तैयार किए जा रहे हैं। आनलाइन व्यवस्था लागू होने से जहां मामलों के निस्तारण में समय की बचत होगी वहीं विभागीय और यात्रियों से संबंधित कार्यों के निस्तारण में भी तेजी आएगी। पहले की तुलना में मानव संसाधन की भी कम आवश्यकता होगी। कागज की बचत से पर्यावरण संरक्षित होने के साथ रेलवे के खर्चों में भी कमी आएगी। सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा कि फाइलों को एक से दूसरे विभागों और मंडलों में पहुंचाने के लिए लगने वाले समय बचेगा साथ ही तैनात कोरियर (खलासी) का उपयोग कही और किया जा सकेगा। नई व्यवस्था में  ई-आफिस पोर्टल पर पलक झपकते फाइलें संबंधित अधिकारियों तक पहुंच जा रही हैं। विभिन्न कार्यों के लिए तैयार डिजिटल प्लेटफार्म में विभागीय कार्य के लिए ई-आफिस, सुविधा पास, छुट्टी, पेंशन, स्थानांतरण, पदोंन्नति से संबंधित कार्य हेतु ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एचआरएमएस), स्वास्थ्य सेवाओं संबंधित कार्य हेतु हास्पिटल मैनेजमेंट इंफार्मेंशन सिस्टम (एचएमआइएस), बर्थों की बुकिंग, टिकटों की बुकिंग और जुर्माना के लिए हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) एप बनाए गए हैं। बुक सामान के लिए स्टेशनों पर पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) लगाए जा रहे हैं। निरीक्षण से संबंधित सभी कार्यों के लिए इंस्पेक्शन माड्यूल आनलाइन पोर्टल, सफर में यात्रियों की शिकायत के लिए रेल मदद पोर्टल और एप, जंजीर के दुरुपयोग को रोकने के लिए एसीपी डाटालागर, आनलाइन नीलामी के लिए ई- प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आइआरईपीएस), नदियों के जलस्तर के लिए वाटर लेवल मानीटरिंग सिस्टम,  रेलवे की लाइन और भूमि के लिए ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस), वेतन, पीएफ व पेंशन के लिए आरईएसएस एप बनाए गए हैं। आइआरपीएसएम सिस्टम पर ये सभी परियोजनाएं आनलाइन हो गई हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह की मुताबिक पारदर्शिता, दक्षता एवं कार्यों की गति बढ़ाने की दिशा में रेल प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे में ई-ऑफिस पूर्ण रूप से लागू है। इससे अब एक स्थान से दूसरे स्थान पर पत्र अथवा फ़ाइल भेजना बहुत आसान हो गया है। इससे समय और मैनपॉवर दोनों की ही बचत हो रही है।

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