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शारदीय नवरात्रि माँ के हाथी पर सवार होकर आने और मुर्गा पर जाने का मतलब…

By Shakti Prakash Shrivastva on October 14, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                  हिन्दू धर्मावलम्बी साल में दो बार शक्ति स्वरूपा माँ भगवती यानि दुर्गा जी के नौ रूपों की पूजन-अर्चना के लिए नवरात्रि पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों माता दुर्गा पृथ्वी पर भक्तों के कल्याणार्थ आतीहै। वैसे तो माँ दुर्गाजी की सवारी सिंह हैं लेकिन जब वो पृथ्वी पर आती है तो उनकी सवारी बदल जाती है। ऐसे में इनकी सवारी का निर्धारण नवरात्रि के शुरुआती दिन पर निर्भर करता है। जनकल्याण के संदर्भ में इनकी सवारी का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र की मुताबिक माँ के आगमन और प्रस्थान की सवारी से आने वाले दिनों में होने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान आसान हो जाता है। इनका महत्व कमोबेश उसी तरह से है जैसे नवरात्रि में घटस्थापना और अष्टमी-नवमी तिथि का होता है। ऐसे में जब भी नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार के दिन होता है तो माँ की सवारी हाथी होती है। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत चूंकि 15 अक्टूबर दिन रविवार को हो रहा है लिहाजा उनका आगमन हाथी पर हो रहा है। इतना ही नहीं इस बार माँ के प्रस्थान के लिए सवारी मुर्गा है। क्योंकि नवरात्रि का समापन जब भी शनिवार या मंगलवार को होता है तो सवारी मुर्गा ही होता है। इसका मतलब इस बार माँ का प्रस्थान मुर्गा से हो रहा है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत बुधादित्य योग, शश योग और भद्र नामक राजयोग के साथ हो रहा है। पहले दिन ही इन तीन शुभ योग की तिकड़ी इस बार कई राशि वाले जातकों को जीवन में धन और नौकरी में अपार लाभ का कारक भी बनने जा रहा है। इनमें मुख्यतः मेष, वृष, कर्क, तुला, मकर राशि वाले जातकों को विशेष लाभ के योग बन रहे है जबकि अन्य राशि वाले जातकों के लिए सामान्य लाभ होंगे।

इसके अलावा एक सुखद संयोग यह भी है कि इस बार नौ दिनों में सर्वार्थसिद्धि, राजयोग, त्रिपुष्कर, अमृतसिद्धि, प्रीति, आयुष्मान और रवियोग भी बन रहे हैं। इसकी वजह से इस बार की शारदीय नवरात्रि को ज्योतिष शास्त्र के लिहाज से बहुत शुभ माना जा रहा है। मां दुर्गा की सवारी हाथी को ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में यह मान्यता है कि हाथी पर सवार होकर आने वाली मां दुर्गा अपने साथ ढ़ेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि भी लेकर आ रही हैं। चूंकि नवरात्रि में इस बार ग्रहों का भी एकसुखद संयोग बन रहा है जिसमें सूर्य और बुध का सुसंयोग रहेगा। इस बार तीस साल बाद ऐसा होने जा रहा है कि शनि अपनी स्वराशि कुंभ में रहने वाले हैं। जबकि बुध स्वराशि में होकर भद्र योग बनाएंगे। यानि ग्रहों का सुसंयोग ऐसा बन रहा है जिसकी वजह से ज्योतिष के जानकार इस शारदीय नवरात्रि पर्व को खासा महत्व दे रहे हैं।  इसके अलावा भी कई शुभ योग इस दौरान बन रहे हैं। इस वजह से मान्यता है कि इस नवरात्रि मेंभक्तों पर माता की विशेष कृपा रहेगी।

 

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