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May 1, 2024
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उद्धव ठाकरे भी एनडीए में!

By Shakti Prakash Shrivastva on February 6, 2024
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के बाद अब आइएनडीआइए गठबंधन के और भी घटक दलों के नेताओं की वापसी के आसार बनने लगे हैं। रविवार को जिस तरह से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना उद्धव गुट के नेता उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बयान दिए है। उससे लगता है कि वो जल्द ही नीतीश कुमार की ही तरह एनडीए गठबंधन का हिस्सा होंगे।

महाराष्ट्र के सिंधुदूर्ग जिले के सामंतवाड़ी में रविवार को आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर चापलूसी सरीखे बयान दिए। उन्होंने कहा कि हम मोदीजी को बताना चाहते है कि हम कभी भी आपके दुश्मन नहीं थे। आज भी हम आपके दुश्मन नहीं है। हम आपके साथ है। लेकिन आप ही ने हमको दूर कर दिया। उद्धव इतने पर ही नहीं रुके। आगे उन्होंने कहा कि शिवसेना पहले से ही आपके साथ है। हमारा हिन्दुत्व और भगवा ध्वज आज भी कायम है। लेकिन बीजेपी आज उसी भगवा ध्वज को फाड़ने की कोशिश कर रही है। अपने सम्बोधन में उद्धव को जब एहसास हुआ कि वो विपक्षी है तो उन्होंने लोकसभा चुनाव को अहम बताते हुए बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि देश को अब बहुमत वाली सरकार की बजाय विपक्षी दलों के आइएनडीआइए गठबंधन के सरकार की जरूरत है। जो हर वर्ग और समाज को साथ लेकर चल सके।

उद्धव के इस बयान को राज्य के सियासी गलियारे में जमकर चर्चा हो रही है। सियासत के जानकार मानते है कि अचानक उद्धव के इस बदले हुए स्वर को हल्के में लेने की भूल सियासतदारों को नहीं करनी चाहिए। क्योंकि उद्धव के इस बयान में सियासत के कई पहलू है जो फिलहाल जमींदोज है। लेकिन उनके अपने मायने हैं। समय पर उसका भी खुलासा हो जाएगा। देशभर में जिस तरह से विपक्षी पार्टियों के कद्दावर नेताओं को निशाने पर रखा जा रहा है। वो लोकतंत्र के लिए बहुत शुभ संकेत नही है। बंगाल की तृणमूल कांग्रेस, बिहार की राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड सहित उत्तर भारत और दक्षिण के भारत के कई हिस्सों में विपक्षी दलों के नेताओं पर इस तरह के उदाहरण दिख रहे हैं। आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के जेल में होने के बाद भी अभी उसके मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरिवाल, बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल नेता ममता बनर्जी सहित कई नेताओं को इडी का समन भेजा जा चुका है। झारखंड का उदाहरण सबके सामने है। सियासी जानकारों का मानना है कि संभव है कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे अंदर से डर गए हों। इतिहास गवाह है कि एक लंबे कालखंड तक शिवसेना एनडीए गठबंधन की सहयोगी रही है। लेकिन पिछले दिनों घटे घटनाक्रम के चलते दोनों पार्टियों के बीच टकराव हो गया और आज शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए का हिस्सा है। लेकिन उद्धव ठाकरे के इस बोल ने भविष्य में महाराष्ट्र के सियासी तस्वीर बदलने के संकेत तो दे ही दिए है।

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