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आखिर मोदी से डर ही गया विपक्ष !

By Shakti Prakash Shrivastva on September 5, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

                       अपनी विशिष्ट कार्यशैली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आम जनमानस पर एक अलग छाप छोड़ी है। परंपरागत सियासत की लीक से इतर नई सियासी मर्यादा स्थापित करने वाले मोदी के लिए देश का विपक्ष भले ही जुमलाबाज या कुछ भी कहता हो लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि देश का आम मतदाता पर मोदी नाम की अलग छाप है। यही वजह है कि सियासी प्रभाव का आकलन करने वाले हर सर्वे में मोदी का प्रभाव झलकता है। इतना ही नहीं मोदी का पुरजोर विरोध करते हुए बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ गठित लगभग ढाई दर्जन सियासी पार्टियों वाले विपक्षी गठबंधन INDIA भी कहीं न कही मोदी प्रभाव से भयभीत है। क्योंकि मुंबई में हुई इस गठबंधन की तीसरी बैठक के बाद सूत्रों से जो जानकारियाँ मिल रही है यदि वो सही हैं तो गठबंधन में शामिल नेताओं ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जो रोडमैप बनाया है उसमें यह तय किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला करने की बजाय केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों और उनकी कमियों को जनता के सामने रखा जाएगा। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि गठबंधन भी व्यक्तिगत तौर पर मोदी की लोकप्रियता को चुनौती देने में अपने को असमर्थ पा रहा है।

मुंबई में हुई विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जो रणनीति बनाई गई है उसके तहत सितंबर महीने से ही देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं की ओर से रैली, जनसभाओं और रोड शो के आयोजन शुरू कर दिए जाएंगे। इन रैलियों और जनसभाओं के माध्यम से जनता के बीच केंद्र सरकार की योजनाओं की हकीकत साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। INDIA गठबंधनमें शामिल नेताओं का स्पष्ट मानना है कि लोकसभा चुनाव के पहले और उसके दौरान होने वाली प्रमुख रैलियां और जनसभाओं में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने से बचा जाए। इसके विपरीत प्रधानमंत्री की बजाए केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए उनकी तथ्यों के साथ जनता के सामने हकीकत रखी जाने की योजना बनी है। योजना यह भी बनी है कि जो मुद्दे जनता से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं उनको ही अपनी रैलियों जनसभाओं और रोड शो के दौरान उठाया जाए। विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल एक प्रमुख नेता कहते हैं कि ऐसा करके वह सीधे तौर पर जनता के मुद्दों के माध्यम से न सिर्फ उन तक अपनी पहुंच बना सकेंगे बल्कि हाल के दिनों में हुए चुनावी राज्यों में इस तरह के मुद्दों से जीत भी मिली है, उसका असर भी दिखेगा। दूसरे राज्यों के गठबंधन के साथी भी रैलियों में रहेंगे शामिल विपक्षी दलों के गठबंधन ने लोकसभा चुनाव से पहले फुल प्रूफ इंतजाम के साथ चुनावी प्रचार की तैयारी की हैं। सूत्रों के मुताबिकयह भी तय हुआ है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह से देश के अलग-अलग राज्यों में विपक्षी नेताओं की बड़ी रैलियां शुरू कर दी जाएगी। योजना है कि जिस राज्य में यह रैलियां और जनसभाएं होंगी वहां के विपक्षी दल जो इस गठबंधन में शामिल है वह तो रहेंगे ही, साथ ही दूसरे राज्यों के प्रमुख दलों के नेता भी इन रैलियों में शिरकत करेंगे। विपक्षी दलों में शामिल एक वरिष्ठ नेता का मानना हैं कि ऐसा करके एक बड़ा संदेश इन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ दिया जा सकेगा।

इसमें सबसे अहम और जरूरी तैयारी के लिहाज से अब जमीन पर उतरकर रैलियां और जनसभाओं समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में रोड शो करने की सबसे पहले बन रही है। इससे गठबंधन नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव के नजदीक आने से काफी पहले हम आम अवाम को अपना मकसद बताने में कामयाब हो चुके होंगे। यदि INDIA गठबंधन इस रणनीति में सफल हो जाती है तो यह तय है कि गठबंधन आने वाले दिनों में अपने मकसद में अवश्य कामयाब हो सकेगा।

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