Responsive Menu
Add more content here...
May 1, 2024
ब्रेकिंग न्यूज

Sign in

Sign up

पुराने ‘अखाड़े’ में फिर ब्रजभूषण

By Shakti Prakash Shrivastva on December 28, 2023
0 78 Views

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

लगभग तीस वर्षों से भी अधिक समय से सियासत के अखाड़े में पहलवानी करने के साथ-साथ पिछले लगभग एक दशक से कुश्ती फेडरेशन में भी दाँव आजमा रहे थे बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह। वो भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी रहे। लेकिन वर्ष भीतर बदले समीकरण के चलते न केवल उनकी अध्यक्षी गई बल्कि इसी के साथ उनका फेडरेशन के अखाड़े से भी मोहभंग हो गया। उन्होंने इस बाबत ऐलान भी कर दिया है कि अब वो फिरसे अपना पूरा ध्यान सियासत पर ही केंद्रित करेंगे।

यूपी के कैसरगंज से साँसद ब्रजभूषण शरण सिंह का भारतीय कुश्ती महासंघ पर एक तरह से कब्जा रहा। काफी अरसे से वो उसके अध्यक्ष भी रहे। ऐसा लगता था कि श्री सिंह और कुश्ती महासंघ एक दूसरे के पूरक हो गए थे। लेकिन इस साल की शुरुआत में कुछ महिला पहलवानों ने सांसद बृजभूषण पर यौन शोषण जैसा गंभीर आरोप लगा कर मानो भूचाल ला दिया। अप्रैल महीने में कुछ अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों ने दिल्ली में ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। सियासी रूप लेते हुए मामला जब कोर्ट में जा पहुंचा तब सांसद के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ। इस मामले में जून से लेकर अक्टूबर तक खूब सियासी पेशबंदी हुई। इसके बाद दिसंबर में हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में सांसद के खासमखास संजय सिंह बबलू अध्यक्ष निर्वाचित हो गए। इसके विरोध में फोगात-पूनीया सरीखे पहलवानों ने अपने सम्मान और मेडल्स वापस करने की घोषणा कर दी। सांसद के खिलाफ माहौल बनता देख लगभग 60 घंटे के अंदर ही खेल मंत्रालय ने नव निर्वाचित कमेटी भंग कर दी। और एक तरह से महासंघ पर सांसद का एकाधिकार खत्म कर दिया। अब विपरित्त परिस्थितियाँ और लोकसभा चुनाव को देखते हुए सांसद ने पिछले दिनों कुश्ती से अलग होने की घोषणा कर दी।

सांसद के विरोध की शुरुआत 18 जनवरी 2023 को ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया की अगुवाई में महिला पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण पर यौन शोषण व धमकी देने के आरोप लगाने से हुई थी। विरोध स्वरूप पहलवानों ने अपने पुरस्कार तक वापस कर दिए थे। इन विवादों के अलावा सांसद ब्रजभूषण ने बाबा रामदेव के उत्पादों को नकली बता कर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार को भी गाहे बेगाहे कटघरे में रख मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को भी चुनौती दे डाली थी। इनसे सियासी समीकरण भी धीरे-धीरे ब्रजभूषण के खिलाफ होते चले गए। यही वजह थी कि जब खेल मंत्रालय द्वारा  भारतीय कुश्ती महासंघ के नव निर्वाचित सांसद समर्थित कमेटी को निलंबित कर दिया गया तो उसके बाद इस निर्णय से आहत पूर्व अध्यक्ष और सांसद ब्रज भूषण शरण ने कुश्ती से ही संन्यास लेने की घोषणा कर दी। उनके मुताबिक उनका ध्यान अब पूरी तरह से लोकसभा चुनाव पर रहेगा। यह भी कहा था कि उन्होने अब कुश्ती से नाता तोड़ लिया है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *