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May 1, 2024
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चाचा शिवपाल के यूटर्न से संकट में भतीजा!

By Shakti Prakash Shrivastva on April 9, 2024
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

जबसे लोकसभा चुनाव की दुदुंभी बजी है समाजवादी पार्टी को लगातार सियासी झटके मिल रहे हैं। कभी सहयोगी रहे सुभासपा तो कभी रालोद तो कभी अपना दल कमेरावादी जैसे सहयोगीयो के साथ छोड़ने के झटके तो कभी पार्टी में बने रहते हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा राज्यसभा चुनाव विपक्षी को समर्थन देने जैसे झटके। इतना ही नहीं पार्टी को अपने ही पार्टी के नेताओं के पार्टी छोड़ने की वजह से भी झटके मिल रहे है। लगातार समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और नेता पार्टी छोड़ अन्य दलों का दामन थाम रहे हैं। हाल के दिनों में इनमे तेजी आई है। पिछले दिनों एक नया झटका सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव द्वारा यूटर्न लेने की वजह से लगा है। यूटर्न में चाचा शिवपाल यादव ने पार्टी द्वारा बदायूं सीट से सपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अपनी प्रत्याशिता छोड़ दी है। चाचा शिवपाल के मैदान छोड़ने के इस एलान की वजह से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ गई है।

हालांकि जब से टिकट फाइनल हुआ था, तब से ही टिकट बदलने की चर्चा शुरू हो गई थी। लेकिन पिछले दिनों चाचा शिवपाल ने स्वयं ही चुनाव से हटने का एलान किया और साथ ही बदायूं लोकसभा सीट से अपने बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बनाने का एलान भी कर दिया। जबकि इस बाबत सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सिर्फ शिवपाल यादव के इस निर्णय से सकते में आई पार्टी इससे उबरने के प्रयास में लगी ही थी कि सपा विधायक आशुतोष मौर्य और उनके परिवार ने भी पाला बदल कर पार्टी को नया झटका देने का काम किया है। आशुतोष के साथ उनकी पत्नी और बहन ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। आशुतोष ने जिस तरह से बगावती रुख अपनाया हुआ है उससे यह तो तय है कि बदायूं सीट पर सियासी समीकरण बदलेंगे।

चाचा शिवपाल ने यूटर्न लेकर जैसे अपने बेटे की सियासी लांचिंग की है। वह चौंकाने वाला है। अमूमन ऐसी घोषणाएं पार्टी सुप्रीमो ही करते हैं। जैसे 20 फरवरी को सपा सुप्रीमो अखिलेश ने ही शिवपाल की उम्मीदवारी की घोषणा की थी। लेकिन उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद भी शिवपाल अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचे थे। ऐसे में गलियारे में चर्चा शुरू हो गई थी कि चाचा की जगह कोई और ही उम्मीदवार होगा। तब चर्चा चली थी कि चाचा शिवपाल यादव विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं। चाचा शिवपाल ने अपनी जगह अपने बेटे आदित्य को उम्मीदवार बनाते हुए यह भी ऐलान किया कि नवरात्रि में ही उनका नामांकन होगा। चाचा शिवपाल ने रविवार को बिसौली विधानसभा इलाके के अहमदगंज की चुनावी सभा में कहा कि यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है। आदित्य यादव का नाम लिए बगैर ही कहा, चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अब तो बन गए हैं… पता है, पता है, इसके बाद लोगों की ओर से नाम आया आदित्य यादव। आदित्य यादव जिंदाबाद के नारे भी लगे फिर शिवपाल सिंह यादव ने स्थिति स्पष्ट की।

 

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