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इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर बंद का दिखा असर, व्‍यापारिक प्रति‍ष्‍ठान बंद

By Shakti Prakash Shrivastva on March 9, 2021
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प्रयागराज-इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर आज यानी मंगलवार को प्रयागराज बंद का आह्वान किया गया था। बंदी का शहर में असर दिख रहा है। सिविल लाइंस, एमजी मार्ग, कटरा, जानसेनगंज, चौक आदि की अधिकतर दुकानें बंद हैं। इस बंद का व्यापारियों ने भी समर्थन किया है। हालांकि कुछ इलाकों में दुकानें खुली भी रहीं। अधिवक्ता जुलूस भी निकाल रहे हैं। शहर भर में भ्रमण के लिए जुलूस हाई कोर्ट के निकट से शुरू होकर सिविल लाइन में सुभाष चौराहा से होकर गुजरा।

हाई कोर्ट के अधिवक्‍ताओं की यह है मांग

हाई कोर्ट के अधिवक्ता शिक्षा सेवा अधिकरण को प्रयागराज में स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है। इस कारण हाईकोर्ट के अधिवक्ता पिछले कई दिन से आंदोलित हैं। अब आंदोलन का स्वरूप बढ़ता जा रहा है। वकीलों के इस आंदोलन में छात्र संघ, व्यापारी, शिक्षक आदि भी जुड़ गए हैं। सोमवार को अधिवक्ताओं ने शहर भर में बाइक रैली निकालकर बंद का समर्थन करने के लिए व्यापारियों से आह्वान किया था। मंगलवार को बंदी का असर शहर में दिख रहा है। शहर के कई इलाकों के बड़े बाजार आज बंद हैं। जो खुले भी थे उन्‍हें अधिवक्ताओं ने बंद भी कराया है। सिविल लाइंस और चौक क्षेत्रों में बाजार पूरी तरह बंद हैं। इक्का-दुक्का दुकानें ही खुली हैं। दोपहर में करीब साढ़े 12 बजे तक सुलेमसरांय में बंदी का असर नहीं दिख रहा था। वहां की दुकानें खुली थीं। यही हाल लूकरगंज में भी नजर आया। हालांकि जिन इलाकों में दुकानें खुली हैं, अधिवक्‍ताओं द्वारा उसे बंद कराया जा रहा है। अधिवक्ताओं के आह्वान पर मंगलवार को झूंसी के अधिकांश बाजार बंद रहे। इस दौरान चार पहिया व दो पहिया वाहन पर सवार अधिवक्ता जगह-जगह रुक कर सरकार की नीतियों की आलोचना की। जुलूस का नेतृत्व कर रहे हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अशोक सिंह ने कहा कि प्रयागराज से धीरे-धीरे कई मुख्यालयों को सरकार लखनऊ ले गई। इससे प्रयागराज की जो पहचान थी, उसे समाप्त करने का प्रयास है, जिसे हम प्रयागवासियों को बर्दाश्त नहीं है। इस पहचान को बचाने के लिए हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेंगे।

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