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बेमानी साबित हुई संसद की सुरक्षा !

By Shakti Prakash Shrivastva on December 13, 2023
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शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

आज से ठीक बाईस साल पहले आज ही के दिन 13 दिसंबर 2001 को देश की संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में तेरह सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी थी। उस घटना के बाद संसद की सुरक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन किया गया था। पुरानी चली आ रही व्यवस्था को हाइटेक किया गया। इसी साल 28 मई को 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में नवनिर्मित अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणो और सुविधाओं से युक्त नयी संसद भवन का उदघाटन हुआ था। अब समस्त संसदीय कार्रवाईया अब इसी भवन में की जाती हैं। रोज की तरह आज भी लोकसभा के शीतकालीन सत्र की कार्रवाई सुचारु ढंग से चल रही थी। भोजनावकाश होने में महज चंद मिनट बाकी थे। इस दौरान पश्चिम बंगाल के माल्दह उत्तर से बीजेपी सांसद स्वगेन मुर्मू अपना सम्बोधन कर रही थीं। बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल बतौर सभापति सदन का संचालन कर रहे थे। ऐसे में अचानक सदन में वो हुआ जिसकी किसी सदस्य ने कल्पना भी नहीं की होगी। अचानक उत्तर प्रदेश के बीएसपी सांसद मलूक नागर की निर्धारित सीट के पीछे दर्शक दीर्घा से एक युवक कूद गया। आवाज से चौंके मलूक जब तक कुछ समझ पाते एक और युवक सीटों के ऊपर से कूदते हुए सभापति के आसान की ओर बढ्ने लगे। मलूक की मुताबिक वो चिल्ला रहे थे कि तानाशाही बंद करो …..ऐसे नहीं चलेगा। इतने में सांसद मलूक आगे बढ़े और उनमें से एक युवक को दबोच लिया। तब तक उनके पास कुछ और सांसद आ गए थे। इस बीच एक युवक ने अपने जूते से कुछ निकाला जिससे थोड़ी ही देर में पीले रंग का धूवा निकलने लगा। सभी एकबारगी किसी अनहोनी के दर से सकते में आ गए। सभापति ने तुरंत सदन के स्थगन की घोषणा कर दी। इस दौरान बाहर भी एक युवक और एक युवती ने हंगामा काटा। वो सब भी ऐसे तानाशाही नहीं चलेगा के नारे लगाए। जिस तरह से ये युवा संसद परिसर और भवन के अंदर केमिकल लेकर पहुँच गए उसने पूरी सुरक्षा संजाल की पोल खोल दी। गनीमत ये रहा कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

जब संसद का मौजूदा भवन बन कर तैयार हुआ था तो सभी को यह इतमीनान हो चला था की अब इस हाइटेक सुरक्षा वाली बिल्डिंग में पूर्व के घटनाओं की पुनरावृत्ति मुमकिन नहीं होगी। क्योंकि नई बिल्डिंग में सुरक्षा के लिए एडवांस टेक्‍नोलॉजी, आधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा बल, अग्नि शमन प्रणाली समेत कई इंतजाम किए गए थे।  पूर्व के भवन में मौजूद बहुत सारे सुरक्षा खामियों को इसमें दूर किया गया था। यहाँ तक किसी घुसपैठिए की पहचान के लिए बिल्डिंग में थर्मल इमेजिंग सिस्‍टम लगाया गया है।  इतना ही नहीं समूचे परिसर की निगरानी के लिए फेस रिकग्निशन सिस्‍टम से लैस एडवांस सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। इन सीसीटीवी कैमरों की खासियत ये है कि ये चौबीसों घंटे 360 डिग्री रोटेटिंग निगरानी रखेंगे। इससे किसी भी संदिग्‍ध व्‍यक्ति के लिए परिसर में घुस पाना नामुमकिन होगा। सुरक्षा कर्मियों को भी अत्याधुनिक हथियार और उपकरणों से लैस किया गया है। लेकिन इतनी हाइटेक सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद अगर फिर से इतनी तादाद में युवा परिसर और भवन के अंदर न केवल दाखिल हुए बल्कि धुवा फैलाने जैसी हरकत करने में सफल हो गए यह एक बार फिर पूरी सुरक्षा प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। आज आतंकी हमले की बरखी के ही दिन ऐसा होना और ज्यादा खतरनाक संकेत देता है।

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