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यूपी के गांवों में शुरू हुआ कोरोना जांच का विशेष अभियान, दस लाख एंटीजेन जांच का लक्ष्य

By Nikhil Pal on May 5, 2021
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लखनऊ-यूपी में कोरोना की दूसरी लहर तेज है।वही प्रदेश के गांव-गांव में कोरोना संक्रमित मरीजों की तलाश के लिए बुधवार से स्वास्थ्य विभाग की टीम हर घर पहुंचकर लोगों की जांच करेगी।यह अभियान आज से चार दिन यानी 9 मई तक चलेगा। इस दौरान गांव के हर व्यक्ति के बारे में जानकारी ली जाएगी। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण होंगे अथवा जो दूसरे प्रदेश से लौटकर आए हैं उनकी कोविड जांच की जाएगी। दरअसल, पंचायत चुनाव के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके लिए एक माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए टीमें गठित कर दी गई है।

घर-घर पहुंचेगी जांच टीम

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने तेजी से उत्तर प्रदेश को अपनी चपेट में लिया है। तमाम शहरों में स्थिति काफी खराब है। सरकार इसकी रोकथाम के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही अब गांवों के बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला सरकार ने किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने गांवों में कोरोना की घेराबंदी के लिए व्यूह रचना कर ली है। बुधवार से प्रदेश के सभी राजस्व गांवों में पांच दिवसीय विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें घर-घर दस्तक देकर लक्षण वाले मरीजों की जांच की जाएगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि बुधवार से पांच दिवसीय अभियान शुरू किया जाए।अपर मुख्य सचिव सूचना डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में निगरानी समितियां और रैपिड रेस्पांस टीमें घर-घर दस्तक देंगी। निगरानी समितियों को दस लाख मेडिसिन किट, जबकि रैपिड रेस्पांस टीमों को दस लाख एंटीजेन टेस्ट किट दी गई हैं। कुल दस लाख जांचों का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि टीमें पल्स आक्सीमीटर व अन्य जांचों से पता करेंगी कि किसी को कोरोना संक्रमण के लक्षण तो नहीं है। लक्षण मिलने पर मेडिसिन किट दी जाएगी। आइसोलेट कराया जाएगा। यदि जरूरत हुई तो मरीज को अस्पताल में भी भर्ती कराया जाएगा।बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ही होली का त्योहार बीता। तब तमाम प्रवासी अपने गांव-गांव पहुंचे। गेहूं की कटाई के बाहर से भी मजदूर गांवों में पहुंचे। इसी तरह पंचायत चुनावों ने भी संक्रमण फैलने की आशंका पैदा कर दी। माना जा रहा है कि सावधानी बरतते हुए ही सरकार ने विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। मरीजों को आइसोलेट करने में भी समस्या नहीं आएगी। यदि किसी ग्रामीण के घर में व्यवस्था नहीं होगी तो सरकार पहले ही हर गांव में क्वारंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दे चुकी है।

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