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October 16, 2025
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देश में नेपाल जैसे हालात की आशंका !

By Shakti Prakash Shrivastva on September 14, 2025
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                                                                    शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव

पड़ोसी देश नेपाल में देखते-देखते महज दो दिनों में हालत ऐसे बेकाबू हो गए कि वहाँ प्रधानमंत्री तक को इस्तीफा दे देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पडा। कई मंत्रियों-नेताओं की सड़कों पर पिटाई की गई। उनके घरों को आग के हवाले किया गया। ये सब किसी सियासी पार्टी ने नहीं किया बल्कि सियासत से अनजान चेहरों ने किया। कारण साफ था। बहुत दिनों से नेपाल बेरोजगारी, मंहगाई, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार तले कराहने को मजबूर था। इस बीच सरकार का सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की सेवाओं को प्रतिबंधित करने के आदेश ने इस आक्रोश भरे माहौल में घी डालने का काम किया। देश के हर हिस्से में जनता खासकर युवाओं का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। लिहाजा नतीजा सबके सामने है। इन परिस्थितियों पर समाजवादी पार्टी मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर इसी तरह से जनता के मतों की चोरी होती रही तो पड़ोसी मुल्क नेपाल में जो वहाँ की जनता करते दिख रही है। संभव है कि वो यहाँ भी मतलब अपने देश में भी वही करते दिखाई दे।

शुक्रवार को पार्टी कार्यालय पर किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारीजनों को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सम्मानित किया। इस दौरान सपा मुखिया साफा पहनकर सरदार लुक में नजर आए। उन्होंने कहा कि लाल पगड़ी खुशी के प्रतीक के रूप में पहनाई जाती है। 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साहित अखिलेश यादव ने कहा कि अब खुशी आने वाली है, क्योंकि प्रदेश में सपा सरकार बनने वाली है।

प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार में आपसी खींचतान का खामियाजा प्रदेश की आम जनता भुगत रही है। जो ठीक नही है। अखिलेश ने इस दौरान  सपा मुख्यालय पर सिख समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। यह पूछे जाने पर कि चुनाव आयोग बिहार की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान यानि एसआईआर चलाने जा रहा है तो अखिलेश ने कहा कि यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि कहीं वोट चोरी न हो।

अखिलेश ने कहा कि पूरा देश जानता है कि उत्तर प्रदेश में वोटरों को मतदान से रोका गया। अपनी जाति के चुनाव अधिकारी रखे गए। कुंदरकी और रामपुर के उप चुनावों में हुई शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुंदरकी चुनाव में डीएम व एसपी को निर्देश दिए गए कि कि बंदूक की नोक पर वोट डलवाएं।

अखिलेश ने अयोध्या में हुए उपचुनाव पर कहा कि अयोध्या के उपचुनाव में 5 हजार लोग बाहर से लाए गए थे। यह वोटों की डकैती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का चुनाव आयोग को पालन करना पड़ेगा। सही मतदाता सूची बने और निष्पक्ष वोटिंग हो, कोई मतदाता मतदान से वंचित न रहे। चुनाव आयोग इसे सुनिश्चित करे, अन्यथा हो सकता है कि यहां भी जनता सड़कों पर दिखाई दे।

बेशक अखिलेश की ये टिप्पणी सियासी रणनीति के तहत दिया गया एक बयान मात्र हो लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि जिस तरह के हालात देश के भीतर और बाहर यानि पड़ोसियों के यहाँ होते दिख रहा है। वो इस बात की चुगली करता है कि सरकार के किसी निर्णय से इत्तफाक न रहने पर जनता द्वारा अगर ऐसे ही कदम अखिलेश के कयास की मुताबिक उठा लिए जाएँ तो बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे देश का स्वरूप होने में वक्त नहीं लगेगा।

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