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बहुचर्चित स्मारक घोटाला : 2 तत्कालीन मंत्रियों समेत 57 पर चार्जशीट, कोर्ट में सुनवाई 15 को

By Shakti Prakash Shrivastva on September 7, 2021
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लखनऊ, (मुख्य संवाददाता)। मायावती के मुख्यमंत्रित्व काल में नोएडा और लखनऊ में अरबों की लागत से स्मारकों और पार्कों का निर्माण कराया गया था। इसमें लगभग 1400 करोड़ रुपये का घोटाला प्रकाश में आने पर चल रही जांच में सोमवार को सतर्कता विभाग ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। विशेष एमपीएमएलए कोर्ट में सतर्कता विभाग की तरफ से तत्कालीन दो मंत्रियों समेत कुल 57 लोगो के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी। इसमें राजकीय निर्माण निगम के 23 तत्कालीन अधिकारी भी है। कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार ने 15 सितंबर सुनवाई की तारीख तय की है।

सतर्कता विभाग के अधिकारियों की मुताबिक इस बहुचर्चित घोटाले में अब तक कुल 75 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया जा चुका है। इसमें 37 तत्कालीन सरकारी अधिकारी और कर्मचारी है जबकि शेष 38 ठीकेदार और पट्टाधारक हैं। इसी मामले में बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सरीखे कद्दावर मंत्रियों के खिलाफ भी जांच चल रही है। बाबू सिंह कुशवाहा उस समय भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री थे जबकि नसीमुद्दीन लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री थे।  इसी मामले में पहले भी पूर्व आईएएस तत्कालीन निदेशक खनिज राम बोध मौर्य, राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन एमडी सीपी सिंह, संयुक्त निदेशक खनिज सुहेल अहमद फारुखी, उत्तर पेयदेश राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन जीएम, प्रोजेक्ट मैनेजर, इंजीनियर सहित कुल 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी। जांच में पूर्व वीसी एलडीए समेत 6 लोगों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति का इंतजार विजिलेंस कर रहा है। अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद इन लोगों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किए जाएंगे। इस मामले में हुई एक शिकायत में तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस एन के महरोत्रा ने लखनऊ और नोएडा में स्मारकों के निर्माण में 1410 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर किया था। लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट 20 मई 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुख्य सचिव को भेजी थी। लोकायुक्त ने दोषी पाए गए 199 लोगों के खिलाफ विस्तृत जांच कराने की संस्तुति की थी। लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद सरकार ने शुरुआती जांच ईओडब्ल्यू से कराई गई और फिर मामले को सतर्कता अधिष्ठान के हवाले कर दिया गया। लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में पत्थरों की बाजार दर से 34 फीसदी ज्यादा दर पर खरीद करने से सरकार को हुई 14.10 अरब रुपये क्षति की भरपाई के लिए क्रिमिनल लॉ एमेडमेंट ऑर्डिनेंस 1944 की धारा 3 के तहत न्यायालय से अनुमति लेकर आरोपियों की संपत्ति कुर्क करके वसूली की सिफारिश की थी। शासन के आदेश पर गोमतीनगर में एक जनवरी 2014 को रिपोर्ट दर्ज कराकर इस मामले में भ्रष्टाचार व अनियमितताओं की जांच की गई। जांच में पता चला कि आरोपियों ने नियम विरुद्ध कंसोर्टियम प्रमुख बनाकर खनन कराया और धन प्राप्त किया। इसमें आरोपियों ने राजस्थान की फर्मों और ठेकेदारों से मिलीभगत करके 13 करोड़ 75 लाख 84 हजार 673 रुपये का बंदरबांट किया। इसी मामले में लोकायुक्त ने भी अपनी जांच में 199 लोगों को दोषी करार देते हुए 20 मई 2013 को शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इस मामले में अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।

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