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होली खेलने कृष्णनगरी मथुरा पहुंचे लाखों भक्त, बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी भीड़
लखनऊ-आज होली है। यूं तो देशभर में यह त्यौहार मन रहा है, लेकिन हजारों साल पूर्व जहां से होली मनाने की शुरुआत हुई… वो परिक्षेत्र है ब्रजभूमि। ब्रजभूमि में मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन, नंदगांव, दाउूजी और गोकुल इन दिनों लाखों होली-प्रेमियों से भरे हुए हैं। देश-दुनिया से अब भी लोग पहुंच रहे हैं। आज सुबह से ही बड़े-बड़े मंदिरों और कस्बों में भारी भीड़ उमड़ने लगी।रंग, गुलाल, हंसी, ठिठोली में सराबोर चहुंओर खुशी का माहौल है, क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या जवान हर जुबान पर सिर्फ और सिर्फ उल्लास छाया है। यह नजारा दिखा मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में।
बांके बिहारी मंदिर में होली के रंग
ब्रज की होली का अलग ही महत्व है। होली पर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन में आते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु एक अलग ही छवि मन में लेकर जाएं, इसके लिए नगर आयुक्त अनुनय झा ने रंगोली सजाने का पूरा प्लान तैयार किया था। वहीं प्रहलाद नगरी गांव फालैन में रविवार की सुबह से ही प्रहलाद कुंड मेला स्थल के पास धमार गायन शुरू हो गया। विशालकाय होलिका जिसका आकार व्यास में करीब 14-30 का है। पांचों गावों की सरदारी ने अपने-अपने घरों से कंडा, गूलरी मालाओं से होलिका को विशाल रूप दे दिया।प्रहलाद नगरी गांव फालैन में आज एक बार फिर वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वाहन होगा। जिसके देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। क्योंकि आज ही के दिन गांव फालैन में करीब 14-30 फुट व्यास की धधकती आग से होकर दूसरी बार मोनू पंडा प्रवेश कर बाहर आएगा। मेला कमेटी के अध्यक्ष उदयचन्द ने बताया कि रविवार दोपहर से ही पंडा अपने जप पर बैठ गया और शाम करीब पांच बजे से ही श्रद्धालुओं का गांव पहुचना शुरू हो गया। शाम से ही धमार गायन बाहर से आए गायक कलाकारों द्वारा शुरू कर दिया गया।इन दिनों कोरोना का खौफ है, तमाम तरह की पाबंदियां लगाई जाती हैं…लेकिन ब्रज में कहीं भी लोग इन गाइडलाइंस का पालन करते नहीं दिखेंगे आपको। बांके बिहारी मंदिर में तो भीड़ इतनी है कि पैर रखने को जगह नहीं बची। यही हाल बरसाना के राधा रानी के मंदिरों का है। मथुरा और दाउजी के मंदिर भी होली प्रेमियों से ठसा-ठस दिख रहे हैं।